ATMANIRBHAR BHARAT

आत्मनिर्भर भारत

  • 1

    BE FINANCIALLY INDEPENDENT - NDFDC SUPPORTS YOU

    Various partner agencies of NDFDC extend loans on highly concessional rate of interest for self-employment/education/ general purpose. Click Here

    Divyang Swavlamban Yojana

    KINDLY CONTACT AT- 011 45803730
    Toll Free No-1800 11 4515(9:00am to 5.30pm)

  • 9

    IF YOU ARE A DIVYANG WOMAN -- RELY ON US

    We provide special rebate of 1% on interest in all our self-employment loans of upto Rs. 50,000/- to women with disabilities. Click here

  • 4

    CLIMB UP THE LADDER OF EDUCATION

    Avail the benefits of highly concessional loan for pursuing higher education. Loan available at only 4% rate of interest. Click here


  • 5

    DON’T GET TRAPPED IN THE CLUTCHES OF MONEY LENDERS

    Join Self Help Groups (SHGs) network. We have scheme of providing small loans to the Divyangjans SHGs to save them from very high interest rates charged by private money lenders. Click here


  • 8

    SKILLING AND LIVELIHOOD CONNECT

    The unique model adopted by NDFDC goes beyond skilling the PwDs. The skilling operations are conducted through uniformly designed Swavlamban Kendras.The Divyangjan trainees are encouraged to form SHGs to facilitate micro finance loan connect through Vishesh Microfinance Yojana of the corporation. 19 number of Swavlamban Kendras spread across 18 districts in 5 states established/ under various stages of development. Also skilling operations are through smart centres with regular job fairs and registration on Job portal "www.disabiltyjob.gov.in for employment opportunity. Click here


  • 3

    JOIN OUR ONLINE MARKETING INITIATIVES

    Divyanjans/organisations interested in joining the effort may contact on 011-45803730-216, 230 and via Email id -nhfdcmarketing[at]gmail[dot]com. Click here


सफलता की कहानी

 

PON/330

श्री एस सुन्दरासु

पांडिचेरी  

योजना- ऑफसेट प्रिटिंग

श्री एस सुन्दरासु, पांडिचेरी के निवासी हैं एवं 45 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे ऑफसेट प्रिटिंग आपेरटर के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्हें 5 वार् पूर्व एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 2,37,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया था जिससे उन्होंने स्वयं की आफसेट प्रिंटिग प्रेस स्थापित की । वे अपने व्यवसाय को लाभ के साथ प्रतिमाह 12,000/- रूपये से अधिक आय अर्जित कर चला रहे है । इन्होंने दो व्यक्तियों को भी रोज़गार दिया है । उनके सामाजिक स्तर में काफी सुधार हुआ है ।
 

 

MSH/ 1059

श्री राबिन्सन फ्रांसिस डिसूज, मुंबई

योजना- एस-टी-डी-/पीसीओ बूथ के साथ जनरल स्टोर की दुकान

श्री राबिन्सन फ्रांसिस डिसूजा, मुंबई, महाराट्र के निवासी हैं एवं 100 प्रतिशत दृट विकलांगता से ग्र्रस्त हैं। उन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजना के अतंर्गत रू- 50,000/- का ऋण प्रदान किया गया । इस ऋण की मदद से उन्होने एस-टी-डी-/पीसीओ बूथ के साथ जनरल स्टोर की दुकान स्थापित की । वे अपने पारिवारिक सदस्यों की सहायता से व्यवसाय को आत्मविवास के साथ चला रहे है । इस व्यापार से होने वाली आय से वे आर्थिक रूप से संपन्न हुए है व अपने परिवार की आर्थिक रूप से सहायता भी कर रहे है।
.  

MSH - 717  

 श्री शंभू सरकार

मुंबई 

योजना-चलती-फिरती पान की दुकान

 

 श्री शंभू सरकार, मुंबई, महाराट्र के निवासी हैं एवं 60 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । उन्होंने एक रेलवे दुर्घटना में अपनी दोनों टांगे गंवा दी थी । उन्हे रू 15,000/- का लघु आवधिक ऋण दिया गया था । इस ऋण से इन्होंने तिपहिया साईकल खरीदी व इस पर चलती-फिरती पान की दुकान स्थापित की । वे मुंबई महापालिका के नजदीकी सार्वजनिक स्थल में तिपहिया साईकल से पान बेचने का व्यवसाय कर रहे है। वे लगभग 3 हजार प्रतिमाह कमा रहे है व आर्थिक रूप से स्वतन्त्र जीवन यापन कर रहे है ।  

 

CHH-160

श्री रीतेश कुमार सोनी

छत्तीसगढ़

योजनाफैब्रिकेशन के कार्य

  

श्री रीतेश कुमार सोनी, कलरीधाम, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं एवं 45 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं। इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू- 50,000/- का ऋण प्राप्त किया जिससे इन्होने फैब्रिकेशन के कार्य की शुरूआत की । थोड़े से समय के पचात ही वे अपने व्यापार से काफी लाभ कमाने लगे । वे गरिमापूर्ण जीवन बसर कर रहे हैं। वे देय ऋण नियमित रूप भुगतान कर रहे हैं। 

CHH-75

श्री मोहन कुमार गजेन्द्र

धमतरी, छत्तीसगढ़

योजनाकीटनाशक व उर्वरक की दुकान

 

श्री मोहन कुमार गजेन्द्र, धमतरी, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं एवं 45 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ये बेरोज़गार थे तथा इनकी आय का कोई साधन नहीं था । धनाभाव के कारण ये अपना व्यवसाय भी आरंभ नहीं कर पा रहे थे । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू-95,000/- का ऋण प्रदान किया गया जिससे इन्होंने कीटनाशक व उर्वरक की दुकान स्थापित की । वर्तमान में ये रू-8,000/- से रू-9,000/- प्रतिमाह की आय अर्जित कर रहे हैं । ये अपने परिवार की देखभाल अच्छे से कर रहे हैं तथा कुछ राशि बचा रहे है । ये ऋण की अदायगी नियमित कर रहे हैं ।
 

CHH - 54  

श्री तिजाऊ राम जैसवाल, छत्तीसगढ़  

योजनाकपड़ों की दुकान

श्री तिजाऊ राम जैसवाल, कबीरधाम, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं तथा 45 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे कपड़ों की एक छोटी सी दुकान चलाते थे जिससे उनकी आय काफी कम थी । उनकी आय भरण-पोषण हेतु अपर्याप्त थी । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू-95,000/- का ऋण प्राप्त किया । इन्होंने अपने व्यापार का विस्तार किया जिससे आय में वृद्धि हुई । अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण सुगमतापूर्वक कर रहे हैं तथा ऋण की किस्तें भी नियमित रूप से अदा कर रहे हैं।
 

CHH - 42  

श्रीमती मीना केवट

छत्तीसगढ़ 

योजनापरचून की दुकान

 

श्रीमती मीना केवट, धमतरी, छत्तीसगढ़ की निवासी हैं एवं 50 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । घूमने फिरने में बाधा होने के बावजूद वे गांव में कपड़े सिलाई का कार्य करती थी । उन्हें विकलांग जनों के लिए वित्तीय सहायता की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुई । एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत उन्हें परचून की दुकान खोलने हेतु रू-50,000/- का ऋण स्वीकृत किया गया । अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से उन्हाने परचून की दुकान को चलाने के लिए एक कमरे का निमार्ण किया । अब वे 4,000/- से 4,500/- रूपये प्रति माह की आय अर्जित कर रहीं हैं । दुकान से अर्जित आय से इन्होंने अपने परिवार का सामाजिक स्तर बढ़या है । वे अपने ऋण की किस्तें नियमित रूप से अदा कर रही हैं ।
 

HR-3674  

कुमारी सूचना गुप्ता

फरीदाबाद, हरियाणा

योजना एस-टी-डी-/फोटोस्टेट/फैक्स

कुमारी सूचना गुप्ता, फरीदाबाद, हरियाणा की निवासी हैं एवं 70 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे एक एस-टी-डी-/फोटोस्टेट/फैक्स इकाई का संचालन कर रही थीं । इन्हें इस कार्य से लगभग 45,000/- रूपये वार्षिक की आय हो जाती थी । उन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत एस-टी-डी-/फोटोस्टेट/फैक्स सेवाओं के कार्य विस्तार हेतु 1 लाख रूपये का ऋण दिया गया । इस ऋण से इनकी वार्षिक आय 84,000/- रूपये तक हो गई है । वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने के साथ-साथ अपने परिवार का भली-भांति भरण-पोषण  भी कर रही है ।

HR-30  

श्री वजीर, फरीदाबाद, हरियाणा

योजनाबिजली के उपकरणो की मरम्मत करने की दुकान

 

श्री वजीर, फरीदाबाद, हरियाणा के निवासी हैं एवं 70 प्रतिशत अस्थि विकंलागता से ग्रस्त हैं । पहले उनके पास एक छोटी सी दुकान थी जिसमें वे बिजली के उपकरणों की मरम्मत करने का कार्य भी करते थे । उन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजना के अतंर्गत 50,000/-रू का ऋण दिया गया । ऋण की सहायता से उन्होने आवयक औजार व उपकरण खरीदे व बिजली के उपकरणो की मरम्मत करने की बेहतर दुकान खोली । वह अपने इस क्रियाकलाप को सुचारू रूप से लाभ अर्जित कर चला रहे है व नियमित रूप से किस्तें भी चुका रहे हैं । उन्हे व्यापार विस्तार करने हेतु पुन: एक लाख रूपये का ऋण प्रदान किया गया । इस अतिरिक्त ऋण राशि के निवेश से उनकी मासिक आय 6,000/- रूपये हो गई है । वे अपने परिवार की अच्छे प्रकार से देखरेख कर रहे है एवं एक आरामदायक जीवन व्यतीत कर रहे हैं । 

HR-1502  

श्री साकेत अरोडा, फरीदाबाद, हरियाणा

योजना–  ऑटो पार्टस निर्माण हेतु कार्यशाला

  

श्री साकेत अरोडा, फरीदाबाद, हरियाणा के निवासी हैं एवं 100 प्रतिशत मूक व बधिर विकलांगता से ग्रस्त हैं । बारहवीं कक्षा पास करने के पचात उन्होने ऑटो पार्टस के निर्माण की कला अर्जित की । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के तहत ऑटो पार्टस निर्माण हेतु कार्यााला स्थापित करने के लिए 1 लाख रूपये का ऋण लिया । उन्होने एक छोटी सी कार्यशाला खोली जिसमें लेथ व ग्रांईडिग मशीन लगाई । अब उन्हें नियमित रूप से काम के आर्डर मिल रहे हैं एवं उनकी वार्षिक आय 75,000/- रूपये हो गई है । वे आर्थिक रूप से सम्पन्न है एवं परिवार को सुचारू रूप से सहारा दे रहे है ।
 

HR-1983  

श्री फुल कुमार, सेनीपत, हरियाणा

योजना दर्जी की दुकान

 

श्री फुल कुमार, सेनीपत, हरियाणा के निवासी हैं एवं 90 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे एक दर्जी की दुकान में काफी कम पैसे में काम कर रहे थे व उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी । इन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजना के अंतर्गत दर्जी की दुकान स्थापित करने हेतु ऋण दिया गया । ऋण की राशि से उन्होने कुछ मशीन खरीदी व कार्य चलाने हेतु कुछ कारीगरों को भी रोजगार उपलब्ध कराया । उनकी वार्षिक आय 50,000/- रूपये है । बढ़ी हुई आमदनी से इनके परिवार को काफी सहायता मिली है । वे ऋण की किस्तें नियमित रूप से अदा कर रहे हैं ।

 

HR-3413  

श्री राम चन्द्र, सोनीपत, हरियाणा

योजना–   बढ़ईगिरी का कार्य

 

श्री राम चन्द्र, सोनीपत, हरियाणा के निवासी हैं एवं 40 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ऋण लेने से पूर्व वे किसी दुकान पर कुशल कारीगर के रूप में कार्यरत थे । अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रहे थे । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू- 50,000/- का ऋण प्रदान किया गया । ऋण की राशि से इन्होंने अपने स्थान पर बढ़ईगिरी का कार्य शुरू किया । इन्होंने दो कुशल कारीगरों को भी अपने काम में सहायता हेतु रोजगार उपलब्ध कराया है । इनकी वर्तमान वार्षिक आय लगभग रू- 72,000/- है। इनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है ।
 

HR-2612  

श्री सुरेश कुमार जैन

हिसार, हरियाणा

योजनाचाय की दुकान

 

श्री सुरेश कुमार जैन, हिसार, हरियाणा के निवासी है एवं 100 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त है । आजीविका के लिए वे घोर संधार् कर रहे थे । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। इन्होने यह  चाय की दुकान खोलने में उपयोग की । अब इनकी मासिक आय 4000/- रूपये है । इस आय से वे अपने परिवार का भली भांति भरण-पोषण कर रहे हैं । वे अत्यन्त खुश हैं एवं ऋण की अदायगी नियमित रूप से कर रहे हैं ।

HR-1824  

श्री प्यारे लाल

हिसार, हरियाणा

योजनाऑटो मरम्मत की दुकान

 

श्री प्यारे लाल, हिसार, हरियाणा के निवासी हैं एवं 45 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्हें ऑटो मरम्मत का अच्छा ज्ञान एंव अनुभव था । एन-एच-एफ-डी-सी- से ऋण प्राप्त करने से पूर्व वे एक ऑटो मरम्मत की दुकान पर सहायक के रूप में कार्य कर रहे थे । इनकी आय इतनी अधिक नही थी कि ये अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत उन्हे 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त हुआ जिससे उन्होने ऑटो मरम्मत की दुकान स्थापित की । ऋण लेने से पूर्व इनकी वार्षिक आय 18,000/- रूपये थी । ऋण प्राप्त करने के पचात इनकी आय बढ़ कर 5000/- रूपये प्रति माह हो गई । ये अब अपने परिवार का अच्छी तरह से भरण-पोषण कर रहे हैं और प्रतिठत जीवन यापन कर रहे हैं ।
 

HR-3210  

श्रीमति राममूर्ति देवी

हिसार, हरियाणा

योजना सिलाई एवं कढ़ाई 

 

श्रीमति राममूर्ति देवी, हिसार, हरियाणा की निवासी हैं एवं 70 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । सिलाई एवं कढ़ाई की कला का अनुभव रखने के बावजूद भी इन्हें पर्याप्त कार्य नही मिलता था । एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये के ऋण के साथ इन्हाने सिलाई एंव कढ़ाई का कार्य आधुनिक मशीन के साथ आरम्भ किया। अब ये 48,000/- रूपये वार्षिक अर्जित कर रही हैं। ये एक प्रतिठत जीवन बसर कर रही हैं तथा नियमित रूप से कितो की अदायगी भी कर रही हैं ।

MPS-1870  

कुमारी तारा, रायगढ़

मध्यप्रदेश

योजना आटा चक्की

  

कुमारी तारा, रायगढ़, मध्यप्रदेश की निवासी हैं एवं 50 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ये अपने परिवार पर पूर्णतया: आश्रित थी । इनका परिवार काफी छोटा था व स्थानीय भठ्‌टे पर काम करता था । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजना के अंतर्गत आटा चक्की स्थापित करने हेतु 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । इनके परिवार के सदस्यों ने न केवल उनके इस उद्यम को स्थापित करने में सहायता की अपितु आटा चक्की में काम भी कर रहें हैं । अब इनकी व इनके परिवार की आमदनी 6,000/- रूपये मासिक तक पहुच गई है । इस आय से इनके परिवार को काफी सहारा मिला है ।
 

MPS-2262  

श्री हरिदास मेहर,  कटनी,

मध्यप्रदेश  

योजना बर्तन बेचने का लघु व्यापार

 

श्री हरिदास मेहरा, कटनी, मध्यप्रदेश  के निवासी हैं तथा 60 प्रतिात अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । एन-एच-एफ-डी-सी- से ऋण लेने से पूर्व जीविका हेतु ये अपने परिवार पर आश्रित थे । कभी कभार कुछ पैसे कमाने हेतु ये ाराब भी बेचते थे । इन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 80,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया जिससे इन्हाने बर्तन बेचने का लघु व्यापार स्थापित किया है । ये स्थानीय बाजार में बर्तन बेच कर 3 हजार से 4 हजार प्रतिमाह कमा लेते हैं । अब ये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं तथा गरिमापूर्ण जीवन बसर कर रहे हैं ।
 

MPS-459 

श्री तैयब अली, खरगौन

मध्यप्रदेश

योजना जिल्द चढ़ाने का कार्य

  

श्री तैयब अली, खरगौन, मध्यप्रदेश  के निवासी हैं एवं 40 प्रतिात अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ये जिल्दसाजी की दुकान में कार्य करते थे । इससे होने वाली आय काफी कम थी जिससे इन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था । इन्होनें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के तहत ऋण लिया व जिल्द चढ़ाने का स्वयं का कार्य स्थापित किया । कुछ ही समय में इनका काम चलने लगा, इन्होंने अपनी ही कमाई से एक ऑफ सैट प्रिंटिग मशीन स्थापित कर ली । अब ये सरकारी संस्थानो से प्रिटिंग व बांईडिंग के कार्य के आर्डर भी प्राप्त कर रहे हैं । इनकी आय में बढोतरी हुई है व इनके आर्थिक व सामाजिक स्तर में सुधार हुआ है ।
  

MPS-456  

श्री अकबर अली, खरगौन

मध्यप्रदेश

योजना ऑटो पार्टस एवं हार्डवेयर की बिक्री एवं व्यापार हेतु दुकान 

 

श्री अकबर अली, खरगौन, मध्यप्रदेश के निवासी हैं एवं 40 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । एन-एच-एफ-डी-सी- से ऋण लेने से पूर्व ये एक हार्डवेयर की दुकान पर काम करते थे तथा इनकी आय इतनी नही थी कि ये परिवार का भरण-पोषण कर सकें । इन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूप्ये का ऋण दिया गया । जिससे उन्होने ऑटो पार्टस एवं हार्डवेयर की बिक्री एवं व्यापार हेतु दुकान स्थापित की । इनकी आय में लगातार वृद्ध हुई है जिससे ये अपने परिवार का अच्छे से भरण-पोषण  कर रहे हैं ।
 

KSH-1245  

श्री के-आर- राधाकृष्णन, पालक्काड, केरल

योजना- साईकिल रिपेयरिंग की दुकान

श्री के-आर- राधाकृष्णन, पालक्काड, केरल के निवासी हैं एवं 75 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे एक साईकिल रिपेयरिंग की दुकान में काम करते थे तथा उनकी आय काफी कम थी । वे अपनी दुकान खोलकर व्यवसाय करना चाहते थे । उन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के तहत अपनी दुकान स्थापित करने हेतु 65,170/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । वे कड़ी मेहनत तथा आत्मविश्वास के साथ कार्य करने लगे । उन्हें इस बात का गर्व है कि वे एक दुकान के मालिक हैं । अब वे आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हैं तथा लगभग रू0 4,000/- प्रति माह अर्जित कर रहे हैं ।

KSH-2  

श्री जी-ए- सलीम, केरल

योजना- नारियल प्रसंस्करण का व्यापार

                          

43 वर्षीय श्री जी-ए- सलीम, केरल के वायानाद जिले के निवासी हैं एवं 40 प्रतिशत  अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे विवाहित हैं तथा उनके दो बच्चे हैं । वे बेरोजगार थे तथा काफी आर्थिक कठिनाईयों का सामना कर रहे थे । वे अपने पारिवारिक दायित्व पूर्ण करने में असमर्थ थे । एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत उन्हे 95,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया जिसकी मदद से उन्होने नारियल प्रसंस्करण का व्यापार शुरू किया । वे अपना व्यापार आत्मविवास के साथ कर रहे हैं । वे अब 5000/- रूपये प्रतिमाह अर्जित कर रहे हैं तथा अपने परिवार का भरण-पोषण भी अच्छे से कर रहे हैं । उनके आर्थिक स्तर मे भी काफी सुधार हुआ हैं । 

 

KSH-1268  

श्री जॉन मेथ्यू, पथनामथिता, केरल

योजना- पुस्तकों की दुकान

  

श्री जॉन मेथ्यू, पथनामथिता, केरल के निवासी हैं एवं 90 प्रतिात मूक विकलांगता से ग्रस्त हैं । उन्होने मात्र सातवी कक्षा तक शिक्षा ग्रहण की थी व उनका आमदनी का कोई स्थायी स्रोत नही था । वे अपने तीन सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ थे । उन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू 95,000/-का ऋण प्रदान किया गया है । जिससे उन्होने एक पुस्तकों की दुकान स्थापित की। जल्द ही उनकी बिक्री बढ़ी व फिलहाल उनकी मासिक आय 5,000/- रूपये है । उनका आर्थिक व सामाजिक स्तर समुन्नत हुआ है ।
 

KSH-1209  

कुमारी वी- एस- इदुलेखा, एरनाकुलम, केरल

योजना- डी-टी-पी सेंटर   

 

कुमारी वी- एस- इदुलेखा, एरनाकुलम, केरल की निवासी हैं एवं 40 अस्थि विकंलागता से ग्रस्त हैं । वे प्रॉडक्ान इंजीनियरिंग में बी-टैक हैं लेकिन विकलांगता की बाधा के कारण वे समुचित नौकरी पाने में असमर्थ थी । उन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजना के तहत 50,000/- रू का ऋण दिया गया जिसकी मदद से उन्होने जॉब वर्क के लिए डी-टी-पी सेंटर खोल लिया । उन्हे पर्याप्त मात्रा में कार्य हेतु आर्डर मिल रहे है व उनकी आय 3 से 4 हजार रू मासिक हो गई है । उनकी इच्छा है कि कुछ अतिरिक्त कंप्यूटर लगा कर आय और बढ़ाई जाए । उन्हे इस बात की संतुट है कि एचएचएफडीसी से प्राप्त ऋण ने उनकी वित्तीय व सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की है ।
 

KSH-1179  

श्री पी- दामू ,  केरल 

योजना-  फोटो लेमीनेशन  

 

श्री पी- दामू एक वाणिज्य स्नातक हैं एवं तिरूवनंतपुरम, केरल के निवासी हैं । वे 75 प्रतिशत दृष्टि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे बेरोजगार थे तथा आमदनी के स्थायी स्रोत हेतु प्रयासरत थे । उन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त किया तथा फोटो लेमीनेशन व बिक्री का काम शुरू किया । वर्तमान में वे लगभग रू- 5,000/- प्रतिमाह की आय अर्जित कर रहे हैं एवं अपने परिवार की अच्छी प्रकार से देखरेख कर रहे हैं । उनकी आर्थिक व सामाजिक स्तर में भी काफी उन्नति हुई है ।

 

KSH-1223  

श्री पी-डी दिनेशबाबू

 केरल

योजना- जटा धागा कताई की छोटी सी इकाई

  

श्री पी-डी दिनेशबाबू, अलपूझा, केरल के निवासी हैं । इन्हाने आठवी कक्षा तक की  शिक्षा प्राप्त की है तथा ये 60 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त है । इन्होंने जटा धागा कताई की छोटी सी इकाई लगा रखी थी। यद्यपि उन्हें जटा धागा कताइ में अच्छा अनुभव व कुशलता थी परन्तु पूजी के अभाव के कारण कच्चा माल खरीदने में असमर्थ थे जिससे इनकी आय मे वृद्धि नही हो पा रही थी । इन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 76,000/- रूपये का ऋण प्राप्त हुआ जिसको इन्होने कताई इकाई के संवर्धन व कच्चे माल की खरीद में निवेश किया । कताई इकाई से उनकी आय में बढोतरी हुई व अब वे लगभग 5,000/- रूपये मासिक कमा रहे हैं । इस बढ़ी हुई आय से वे अपने परिवार का भरण पोषण सुचारू रूप से कर रहे हैं तथा उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति भी बेहतर हुई है ।
 

CHN-172  

श्री बलविंदर, चण्डीगढ़

योजना-   सौंदर्य प्रसाधन की दुकान

  

चण्डीगढ़ के श्री बलविंदर 25 वर्ष की आयु में लकवे से ग्रस्त हो गये थे तथा 50 प्रतिशत विकलांगता के से ग्रस्त अस्थि विकलांग हो गये । इनके परिवार में 4 सदस्य हैं और उनके पास परिवार के भरण-पोषण हेतु आय अर्जित करने कोई भी स्रोत नहीं था । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 10,000/- रूपये का ऋण प्राप्त किया व सौंदर्य प्रसाधन की दुकान स्थापित की । अपने कड़े परिश्रम से इन्होंने शीघ्र ही अपने को इस व्यापार में स्थापित कर लिया। वर्तमान समय में ये 3,000/- रूपये प्रतिमाह की आय अर्जित कर रहे हैं । वे अपनी किस्त की अदायगी भी नियमित रूप से कर रहे हैं ।

CHN-8  

श्री साधू राम, चण्डीगढ़

योजना-  बर्तन बनाने का कार्य

 

श्री साधू राम, चण्डीगढ़ के निवासी हैं तथा पोलियो से ग्रस्त 90 प्रतिशत अस्थि विकलांग हैं । ये पूर्णतया अाक्षित हैं तथा उनकी आय का कोई स्रोत नहीं था । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया जिसके माध्यम से उन्होंने मिट्‌टी के बर्तन बनाने का कार्य आरंभ किया । अब ये प्रतिमाह 5,000/- रूपये की आय अर्जित कर रहे हैं । वे अपने परिवार की सुगमतापूर्वक देखभाल कर रहे हैं तथा ऋण की अदायगी नियमित कर रहे हैं ।
 

CHN-22

श्री अमित कुमार, चण्डीगढ़

योजना- स्कूटर रिपेयरिंग व स्पेयर पार्ट्स का व्यवसाय

 

श्री अमित कुमार, चण्डीगढ़ के निवासी हैं एवं 60 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के तहत 60,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । ऋण राशि से इन्होंने स्कूटर रिपेयरिंग व स्पेयर पार्ट्स का व्यवसाय शुरू किया । तत्पश्चात अपनी निवेशित राशि पर अच्छा लाभ पाने हेतु इन्होंने सौंदर्य प्रसाधन व स्टेशनरी का व्यवसाय शुरू कर दिया । वर्तमान में इनकी मासिक आय 8,000/- रूपये है जिससे इनका सामाजिक एवं आर्थिक स्तर बढ़ा है । ये अपनी देय राशि नियमित चुका रहे हैं ।

CHN-27                

श्रीमती अनुपमा शर्मा, चण्डीगढ़ 

योजना-  एस-टी-डी-/पीसीओ बूथ 

 

श्रीमती अनुपमा शर्मा, चण्डीगढ़ की निवासी हैं एवं 50 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । इस राशि से इन्होंने एस-टी-डी-/पीसीओ बूथ स्थापित किया । ये प्रतिमाह रू-5,000/- की आय अर्जित कर रही हैं । इन्होंने ऋण की अदायगी कर दी है ।
 

CHN-86                

सुश्री अल्फूसा, चण्डीगढ़

योजना- ऑडियो कैसेट्स एवं फैन्सी सामान के विक्रय का कार्य

                     

सुश्री अल्फूसा, चण्डीगढ़ की निवासी हैं एवं 100 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ये ठीक तरह से चल-फिर व खड़ी नहीं हो सकती थी। इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत रू-10,000/- का ऋण प्रदान किया गया। जिससे इन्होंने ऑडियो कैसेट्स एवं फैन्सी सामान के विक्रय का कार्य स्थापित किया । अब ये प्रतिमाह रू-2,000/- की आय अर्जित कर रही हैं । ये ऋण की अदायगी नियमित कर रही हैं ।

मोहन लाल, चण्डीगढ़

योजना-  वैल्डिंग इकाई

  

चण्डीगढ़ के निवासी श्री मोहन लाल जब 16 वर्ष की आयु के थे तो आटा चक्की में कार्य करते समय अस्थि विकलांग हो गये । इनकी विकलांगता 40 प्रतिशत हैं । इनके पांच सदस्यीय परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं था । एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत इन्हें रू-50,000/- का ऋण प्रदान किया गया । इस ऋण राशि से इन्होंने एक वैल्डिंग इकाई स्थापित की । ये अपना कार्य सुचारू रूप से कर रहे हैं । वर्तमान में इनकी आय रू-4,000/- प्रतिमाह है तथा ये अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे प्रकार से कर रहे है । ये ऋण की अदायगी नियमित कर रहे हैं ।
 

KAR-523  

श्री कुमार एलियास रयेयह, मैसूर, कर्नाटक

योजना-  फोटो फ्रेमिंग कार्य

 

श्री कुमार एलियास रयेयह, मैसूर, कर्नाटक के निवासी हैं एवं 40 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्हें फोटो फ्रेमिंग कार्य का अच्छा ज्ञान था । वे आय अर्जित करने हेतु व्यवसाय आरंभ करना चाहते थे परंतु वित्तीय अभाव के कारण ऐसा नहीं कर पाये । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 25,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया। इन्होंने इस राशि का निवेश फोटो फ्रेमिंग कार्य स्थापित करने में किया । आय का कुछ भाग उन्होंने व्यवसाय में लगाया और इनकी कुल पूंजी बढ़ कर 50,000/- रूपये हो गई है। अब इनकी आय में धीरे-2 सुधार हो रहा है और ये ऋण की अदायगी भी नियमित रूप से कर रहे हैं । वे स्वावलम्बी हैं और सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।
 

KAR-1007  

श्री लिंगाराजू, बेंगलौर, कर्नाटक

योजना-  लूब्रिकेंट बिक्री का कार्य

 

33 वर्षीय श्री लिंगाराजू, बेंगलौर, कर्नाटक के निवासी हैं एवं 70 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । दो वर्ष की आयु में वे पोलियो से ग्रस्त हो गये थे तथा चलने फिरने के लिए बैसाखी का प्रयोग करते थे । लम्बे समय तक बेरोज़गार होने के कारण वे अपना एवं परिवार का भरण-पोाण नहीं कर पा रहे थे । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 20,000/- रूपये का ऋण प्राप्त किया जिससे इन्होंने लूब्रिकेंट बिक्री का कार्य आरंभ किया । अब ये सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला रहे हैं तथा रोजाना 1200 से 1500 रूपये तक की आय अर्जित कर रहे हैं । वास्तविकता है कि वे स्वयं उद्यमी बने हैं और अपने जैसे बहुत लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं । वे एक प्रतिष्ठित जीवन यापन कर रहे हैं ।

 

KAR-7  

श्री मूर्ति, बेंगलौर, कर्नाटक

योजना- सिलाई की दुकान व कढ़ाई का कार्य 

 

श्री मूर्ति, बेंगलौर, कर्नाटक के निवासी हैं एवं 80 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्हें सिलाई कार्य का अच्छा ज्ञान था। हालांकि उनके पास आय का कोई साधन नहीं था । वे सिलाई (दर्जी) की दुकान स्थापित करना चाहते थे परंतु वित्तीय अभाव के कारण ऐसा नहीं कर पाये । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 15,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । इस राशि से इन्होंने सिलाई की दुकान व कढ़ाई का कार्य आरंभ किया । अब ये प्रतिमाह 5,000/- रूपये की आय उपार्जित कर रहे हैं तथा अपने परिवार की अच्छे से देखरेख कर रहे हैं । ये सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।
 

HP-58  

श्री धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, पौंटा, हिमाचल प्रदेश

योजना-  कपड़े की दुकान  

  

श्री धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, पौंटा, हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं एवं 80 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । उनके पास व्यापार करने का अच्छा अनुभव था किंतु धनाभाव के कारण वे उसका उपयोग करने में असमर्थ थे । एक जागरूकता शिविर के माध्यम से उन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- के बारे में पता चला । उन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत कपड़े की दुकान खोलने हेतु 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त हुआ । अब वे अपने व अपने परिवार के लिए समुचित आय उपार्जित कर रहे हैं ।
 

HP-429  

श्री नरेश  कुमार शर्मा, हिमाचल प्रदेश

योजना-  कंप्यूटर सेंटर

 

श्री नरेश  कुमार शर्मा , शिमला , हिमाचल प्रदेश  के निवासी है एवं 40 प्रतिशत संचलनाशील पोलियो विकलांगता से ग्रस्त है। इन्हाने आई-टी-आई से व्यावसायिक  प्रशिक्षण प्राप्त किया था व इनकी वार्षिक  आय 60,000/- रूपये थी । इन्हे एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत जनरल स्टोर खोलने हेतु 1 लाख रूपये का ऋण प्राप्त हुआ । चूकिं उनके पास इलैक्ट्र्रॉनिक व्यापार का अच्छा अनुभव था इसलिए वे इलैक्ट्र्रॉनिक्स के क्षैत्र में कारोबार करने के इच्छुक थे । इन्होंने ऋण  से कंप्यूटर सेंटर स्थापित किया। उन्हें विभिन्न कार्यालयों से टंकण, फोटोप्रोसेसिंग, स्कैनिंग आदि का काम प्राप्त होने लगा। वे प्रतिदिन 500/- से 600/- रूपये की आय अर्र्जित कर रहे हैं । उनका जीवन स्तर बढा है और वे अपनी अच्छी सामाजिक स्थिति से प्रसन्न है ।

 

HP-308  

श्री ओम प्रकाश, शिमला, हिमाचल प्रदेश

योजना- महिन्द्रा सिंगल कैब

श्री ओम प्रकाश, शिमला, हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं एवं 40 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । उन्होंने पांचवी कक्षा तक शिक्षा ग्रहण की है । एन-एच-एफ-डी-सी- से ऋण प्राप्त करने से पूर्व उनकी वार्षिक आय 10,000/- रूपये थी । उन्हें पर्यटक गतिविधि हेतु महिन्द्रा सिंगल कैब क्रय करने के लिए 3,68,900/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । चूंकि शिमला एक प्रख्यात पर्यटन स्थल है अत: उन्हें लगभग 500/- से 600/- रूपये की प्रतिदिन आय हो रही है । अपनी बढ़ी हुई आमदनी से वे अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे प्रकार से कर रहे हैं तथा उनका सामाजिक व आर्थिक स्तर काफी उन्नत हुआ है ।

WB-23  

श्रीमती सांता मुखर्जी

 पश्चिम बंगाल

योजना-रेडीमेड वस्त्रों की दुकान

श्रीमती सांता मुखर्जी, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल की निवासी हैं एवं 40 प्रतिात अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । वे काफी प्रतिभा संपन्न हैं तथा वायलिन बजाने में दक्ष हैं । उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन के कार्यक्रमों में भी भाग लिया है । परन्तु उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी । उन्हें साड़ी व रेडीमेड वस्त्रों की बिक्री हेतु दुकान स्थापित करने के लिए एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त हुआ । वे अपना व्यापार विश्वास के साथ कर रही हैं व इसकी आय से अपने परिवार का अच्छे से भरण-पोषण कर रही हैं ।
 

WB-142  

श्री निसार अहमद, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

योजना- सन्दूक निर्माण इकाई

 

श्री निसार अहमद, कोलकाता, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं एवं 100 प्रतिशत  दृटहिन विकलांगता से ग्रस्त हैं । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के तहत सन्दूक निर्माण इकाई स्थापित करने हेतु 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया । वे अपना व्यापार सफलतापूर्वक कर रहे है जिसमे उनकी आय में वृद्धि हुई है । ये अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह भी अच्छी तरह कर रहें है ।
 

 

WB-35  

श्री अनिरबन कर, पश्चिम बंगाल 

योजना- मोल्डिड प्लास्टिक के निर्माण    

 

श्री अनिरबन कर, उत्तरी 24 परगना, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं एवं 60 प्रतिशत मूक व बधिर विकलांगता से ग्रस्त हैं। इन्होंने आठवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण की है । इन्होंने कोलकाता के मूक व बधिर विद्यालय से मशीनिट व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त किया है । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत मोल्डिड प्लास्टिक के निर्माण हेतु रू- 50,000/- का ऋण प्रदान किया गया । वे अपने व्यवसाय का संचालन सफलतापूर्वक कर रहे हैं तथा इसकी आय से अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं ।

 

WB-171  

मो0 अबु मूछा, पश्चिम बंगाल

योजना- दर्जी की दुकान, सॉफट टवाय मेकिंग व रेडीमेड कपड़ों की दुकान

 

मो0 अबु मूछा, उत्तरी 24 परगना, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं एवं 60 प्रतिशत मूक व बधिर विकलांगता से ग्रस्त हैं । उन्होंने कोलकाता के व्यावसायिक प्रशिक्षण महाविद्यालय से दर्जी व्यवसाय का तथा वेबेल इर्न्फोमेटिक्स लिमिटेड से कंप्यूटर का प्रशिक्षण प्राप्त किया है । इन्होंने सॉफट ट्वाय (खिलौने) मेकिंग व फैशन डिजाईनिंग में भी प्रमाणपत्र हासिल किया है । उन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया ताकि वे दर्जी की दुकान, सॉफट टवाय मेकिंग व रेडीमेड कपड़ों की दुकान स्थापित कर सकें । अपने प्रयासों व उत्साह के फलस्वरूप वे दर्जी की दुकान का संचालन काफी मुनाफे के साथ कर रहे हैं तथा उन्होंने अपने कार्य में सहायता हेतु कुछ कामगारों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है । वे भारतीय अंर्तराष्ट्रीय व्यापार मेले 2006 एवं सूरजकुंड शिल्प मेले, फरवरी 2007 में भी भाग ले चुके हैं ।

                                                                                    NAG-  

श्री वतीसुगंबा, दिमापुर, नागालैण

योजना- फर्नीचर बनाने की एक इकाई  

  

श्री वतीसुगंबा, दिमापुर, नागालैण्ड के निवासी हैं एवं 50 प्रतिशत मूक व बधिर विकलांगता से ग्रस्त हैं । इस विकलांगता के कारण वे शिक्षा नहीं पा सके । वे अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने में विकलांगता को आड़े नहीं आने देना चाहते थे । उनमें फर्नीचर बनाने की प्रवीणता थी । परन्तु उनको व्यवसाय चलाने के लिए किसी का सहयोग नहीं मिला । इन्हें एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के बारे में पता चला तथा एन-एच-एफ-डी-सी- की योजनाओं के अंतर्गत इन्हें 50,000/- रूपये का ऋण प्रदान किया गया। ऋण की राशि से इन्होंने फर्नीचर बनाने की एक इकाई स्थापित की । इससे इनकी काफी अच्छी आमदनी हो रही है और वे एक सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं । वे ऋण की अदायगी नियमित रूप से कर रहे हैं।

POND-  

श्री भक्तवचलन, पांडिचेरी

योजना-  विद्यालय की प्रयोगाशालाओं हेतु सामग्री आपूर्ति करने का कार्य

 

श्री भक्तवचलन, पांडिचेरी के निवासी हैं तथा 70 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त हैं । ऋण लेने से पूर्व ये नाई की दुकान में कार्य करते थे । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी की योजनाओं के अंतर्गत 50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त किया तथा विद्यालय की प्रयोगाशालाओ हेतु सामग्री आपूर्ति करने का कार्य प्रारम्भ किया । इनका व्यवसाय 7,000/- रूपये की मासिक आय के साथ मुनाफे में चल रहा है । इन्होंने दो लोगो को रोजगार भी उपलब्ध कराया है । ये प्रतिष्ठापूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं एवं अपने परिवार की अच्छी प्रकार से देखरेख भी कर रहे हैं । ये ऋण की किस्तें भी नियमित रूप से चुका रहे है।

KSH-  

कुमारी अणम्मा एम-, तिरूवनंतपूरम, केरल

योजना-ऑटोरिक्शा

कुमारी अणम्मा एम-, तिरूवनंतपूरम, केरल की निवासी है एवं 40 प्रतिशत अस्थि विकलांगता से ग्रस्त है । इन्होंने एन-एच-एफ-डी-सी की योजनाओं के अंतर्गत 73,600/- रूपये का ऋण प्राप्त किया तथा ऑटोरिक्शा क्रय किया । ये अच्छी आय उपार्जित कर रही हैं तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व आत्मविश्वाशी महिला के रूप में उभरी हैं । अब वे एक प्रतिष्ठापूर्ण जीवन व्यतीत कर रही हैं एवं अपने परिवार की अच्छी प्रकार से देखरेख भी कर रही हैं । ये ऋण की किस्तें भी नियमित रूप से चुका रही हैं।
 

 

 

"To access 24X7 Mental Health
Rehabilitation Helpline -'KIRAN',
Dial Toll free Number- 1800-599-0019"


"SWACHHATA PAKHWADA 2023"

  • 9

    Hon'able Union Minister of State MSJE, GoI, Sh. Virender Kumar inaugurating NSK at Tikamgarh, MP

  • 9

    Hon'able Union Minister of State MSJE, GoI, Ms. Pratima Bhoumik visiting NDFDC stall at Kharchi Pooja at Agartala in July, 2022

  • 9

    Hon'able Cabinet Minister of MSJE, GoI, Dr. Virender Kumar ji visiting NDFDC sponsored PwD stall at Surajkund Mela, Faridabad in March, 2022

  • 9

    NDFDC officials celebrating Hindi Diwas on 14.09.2022

  • 9

    Our beneficiary Sunita Gupta from Rajasthan getting MSME award from Hon'able Prime Minister in June,2022

  • Follow NDFDC on Youtube